शुक्रवार, 5 जनवरी 2024

Bhavishya Malika के अनुसार 2022-2027 के बिच होगा महाविनाश????

 

Bhavishya Malika के अनुसार 2022-2027 के बिच होगा महाविनाश.......



Bhavishya Malika: वर्तमान में संत अच्युतानंदास महाराज की पुरानी उड़िया भाषा में लिखे गए ग्रंथ भविष्य मालिका की कुछ भविष्यवाणियां वायरल हो रही हैं। भविष्य मालिका को ओडिशा के महान संत अच्युतानंदास और पंचसखा ने लिखा है। ध्यान रहे, वैसे तो दुनिया में भविष्य बताने वाले कई ग्रंथ हैं, लेकिन उनकी तुलना में भविष्य मालिका सबसे सटीक है क्योंकि इसके सही होने का प्रमाण हमें लगातार दुनियाभर में घट रही घटनाओं से मिल रहा है। उन्होंने इन भविष्यवाणियों को ताड़ के पत्रों पर लिखा था। इस समय उनकी लिखी भविष्यवाणियां वायरल हो रही हैं। 

भविष्य मलिका क्या है ? | What Is Bhavishya Malika




आज से लगभग 500 साल पहले, यानी सोलहवीं सदी में उड़ीसा में पांच महान संत हुए थे, जिनके नाम हैं संत अच्युतानंद दास, संत अनंत दाससंत जसोबंता दास, संत जगन्नाथ दास और संत बलराम दास। इन समकालीन संतों को "पंचसखा" नाम से जाना जाता है। इन पांचों संतों ने उड़ीसा की वैष्णव परंपरा में आध्यात्मिक साहित्य और दर्शन शास्त्र को एक नया रूप दिया। 

इन्हीं संतों में से एक संत अच्युतानंद के पास भूत, वर्तमान और भविष्य तीनों को देख लेने की अद्भुत शक्ति थी। इन्हीं संतों ने भविष्य मालिका की रचना ताड़ के पत्रों पर की थी। भविष्य मालिका ग्रंथ में कई बड़ी भविष्यवाणियां हैं, लेकिन सबसे ज्यादा भविष्य के विषय पर 318 पुस्तकें संत अच्युतानंद दास ने लिखी हैं। 

भविष्य मलिका की भविष्यवाणिया 

भविष्य मालिका में कलयुग के अंतिम कालखंड और युग बदलने को लेकर अनेक सटीक भविष्यवाणियां की गई हैं, जो आज के समय से संबंधित हैं। सबसे पहले होगा कलयुग का अंत, महाविनाश, तीसरा विश्व युद्ध और कल्कि अवतार। भविष्य मालिका में कलयुग का अंत, महाविनाश, प्राकृतिक आपदा और विश्व युद्ध को लेकर कुछ लक्षण दिए है जिससे हमें मलिका के भविष्यवनियो का सत्यता और सटीकता का अंदाजा आजायेगा।

1. कलयुग के अंत के लक्षण

संत अच्युतानंद दास ने कलयुग के अंत के लक्षणों को भविष्य मलिका के भविष्यवाणियों में काफी विस्तार से लिखा है जैसे सामजिक अस्तिरता, धर्म का नाश, अधर्म का स्वीकार और भ्रष्टाचार.    
  • लोग ईश्वर को भूल जाएंगे और उनके खिलाफ बोलना शुरू कर देंगे संसार में धर्म को मानने वाले लोग बहुत कम रह जाएंगे।
  • समाज में बड़ो और अध्यापकों का सम्मान खत्म हो जाएगा धर्मगुरु और बाबा लोक लोगों को बेवकूफ बनाने का काम करेंगे फर्जी बाबाओं के हाथों लोगों को ठगे जाने की घटनाएं भी आम होती जायेंगी। 
  • लोग अपनी संस्कृति और सभ्यता को भूल जाएंगे पुराने ज्ञान को महत्व नहीं देंगे। 
  • लोग भ्रष्टाचार और अपराध के रास्ते धन कमाएंगे भ्रष्टाचार के मामले सामने आएंगे। 
  • अपराधी खुलेआम खतरनाक हथियार लेकर घूमेंगे और इसका इस्तेमाल भी करेंगे। 
  • स्त्री और पुरुष दोनों अनैतिक संबंध और व्यभिचार को अपनाने लगेंगे।
  • कलयुग के अंत से थोड़ा पहले खाने के सामान की कमी, बीमारियां, दुर्घटनाएं बढ़ जाएगी, जिसकी वजह से लोगों में असंतोष फैलेगा और कुछ जगह लोग सरकार के खिलाफ बगावत कर देंगे। 

2. महाविनाश के लक्षण

भविष्य मलिका के मुताबिक, जब किसान खेती के काम में रुचि लेना बंद कर देंगे और जंगली जानवर गांव और शहरों पर हमला शुरू कर देंगे, तब समझ लेना चाहिए कि वहां महाविनाश निकट है। ऐसे बहुत से लोग जानते होंगे कि जब भूकंप या कोई और बड़ी प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है, तो उसका सबसे पहले जानवरों को आभास हो जाता है। 
  • किसान बारिश से निराश हो जाएंगे और खेती का काम करना छोडने लगेंगे।
  • सूरज अपनी परोपकार का छोड़ देगा और दुनिया भर में गर्मी बढ़ जाएगी।
  • साइक्लोन की हवाएं बर्बादी फैलायगी और लोग तेज हवाओं की आवाज से ही डर जाएंगे।
  • जंगली जानवर और सांप जंगल छोड़कर गांवों और शहरों में घरों पर हमला करेंगे।
  • भगवान जगन्नाथ का अपमान होगा तथा मदिर का झंडा कई बार गिरेगा।
  • जगन्नाथ पुरी मंदिर का बड़ा पत्थर गिरेगा मंदिर का झंडा भी कई बार गिरेगा त्रिदेव के ऊपर जो कपड़ा है उसमें आग लग जाएगी मंदिर की परंपराओं में अव्यवस्था होगी।
  • उड़ीसा में पुरी के आखिरी राजा का नाम गजपति महाराज होंगे।
  • उड़ीसा में तूफान आएगा पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर कल्पवृक्ष यानी पवित्र बरगद का पेड़ टूट जाएगा इसके बाद दुनिया में लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
  • भारत का आखिरी राजा यानि पंतप्रधान एक शक्तिशाली हिंदू शासक होगा।
नई नई बीमारियां फैलेगी और उनका डॉक्टर के पास भी कोई इलाज नहीं होगा महामारियो की वजह से लाखों की तादाद में लोग अपनी जान से हाथ धो बैठेंगे, लोग अंतिम संस्कार करते करते थक जाएंगे और कई शव तो घर में ही पड़े रह जाएंगे दुनिया भर के लोगों का दिमाग अशांत रहेगा दवाइयों से महामारी रोकने की बजाय और बढ़ जाएंगी। 

3. प्राकृतिक आपदा 2022 से 2027 बीच मचायेंगी तबाही 





दुनिया में अनेको भागो में प्राकृतिक आपदा तबाही मचाते दिखाई देंगी। कई देशो में बड़े बड़े भुकंप आएंगे तो कही जानलेवा बहाड़। कही बहुत ज्यादा बारिश होंगी तो कही भयंकर सुखा गिरेगा जिससे लोग पानि के लिए तरस जायेंगे। मोसम का चक्र पुरी तरह बदल जाएगा जिससे धरती पर बहुत ज्यादा गर्मी बड जाएगी।
  • साल 2022 से 2027 तक प्राकृतिक आपदाएं भारत समेत दुनियाभर के लोग झेलेंगे वह अप्रत्याशित और खतरनाक होगा। 
  • धरती का तापमान बढ़ जाएगा और गर्मी इतनी पड़ेगी कि कई लोगों की जान चली जाएगी 2023 दुनिया में आज तक का सबसे गर्म साल होगा। 
  • धरती के कई ग्लेशियर टूट जाएंगे, ध्रुवों पर जमी बर्फ तेजी से पिघलेगी। 
  • दुनियाभर में नदियों का पानी कम होने और जमीन के नीचे का पानी कम हो जाने से पीने के पानी की कमी होगी खेती का नुकसान होगा। 
  • धरती का मौसम चक्र बेहद खतरनाक तरीके से बदल जाएगा ऋतु चक्र का ज्ञान इंसानों के किसी काम नहीं आएगा। 
  • दुनिया के कई शहरों और गांवों में बाढ़ से बर्बादी होगी। 
  • जल प्रलय की वजह से जंगली जानवर गांवों और शहरों में घुस आएंगे इस वजह से कई लोगों की मृत्यु हो जाएगी। 
  • समुद्र के आगे बढ़ने से दुनियाभर में तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों की जान को खतरा बनेगा और कई तटीय इलाकों की जमीन समुद्र में विलीन हो जाएगी।  
  • साल 2023 में धरती पर कई बड़े भूकंप आएंगे जो त्रासदी का रूप ले लेंगे यह भूकंप जनवरी के महीने से ही आने शुरू हो जाएंगे और दिसंबर के महीने तक लगातार चलते रहेंगे । 
  • भूकंप की वजह से जानमाल का बड़ा नुकसान देखने को मिलेगा। 
  • दुनिया भर में कई चक्रवाती तूफान आएंगे यह तूफान पहले के किसी भी साल की तुलना में न केवल तेज होंगे बल्कि इनकी संख्या भी ज्यादा होगी। 
  • दुनिया के कई छोटे-बड़े जंगलों में आग लग जाएगी यह आग इतनी भीषण होगी कि पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा दुनिया भर के जंगलों में हर साल भीषण आग लगने की घटनाएं आम होती जाएंगी। 

4. तीसरे विश्व युद्ध की शुरुवात 

जब धीरे-धीरे कर दुनिया में प्राकृतिक आपदाएं बड जाएँगी, तो दूसरी ओर शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर हो जाएगी तीसरे विश्व युद्ध की शुरुवात। तीसरे विश्व युद्ध की नीव 2022 में ही रखी जाएगी और 2025 में भीषण युद्ध में तब्दील हो जाएगी। यह टकराव महाशक्तिशाली देशो के बिच होगा। यह विश्वयुद्ध 6 साल 6 महीने चलेगा। इससे दुनिया दो भागो में बट जाएगी। तिसरा विश्वायुद्ध इतना भयंकर कर होगा कि लोग आत्महत्या करणे पर विवंश होजायंगे। 

तिसरा विश्वयुद्ध दुसरे विश्वयुद्ध से अलग होगा इसमे धरतीपर पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक केवल युद्ध हि युद्ध शुरु हो जायेगा। भारत इस तीसरे विश्वयुद्ध मे आखीर के 13 महीने बाद शामिल होगा और भीषण युद्ध करेगा। 

भविष्य मलिका के अनुसार तिसरा विश्वयुद्ध आपसी जमिनी विवाद, वर्चव, धार्मिक कटरता, भुखमरी और आंतरिक गृहयुद्ध इस युद्ध का कारण होगा। इस युद्ध में परमाणु हत्यारों का इस्तेमाल होगा, इस वजह से धरती पर ज्यादातर लोगों की मौत होगी और कुछ ही लोग बच पाएँगे। इंसानियत केवल नाम रह जायेगा और हस्ती खेलती धरती भीषण आजतक कि त्रासदी देखेगी।

5. आसमान में दिखेंगे दो सूरज 

आसमान में दो सूरज जैसा आभास होगा। एक तो सूरज होगा और दूसरा कोई और आसमानी चमकती वस्तु होगी। यह चमकती वस्तु कोई छोटा उल्कापिंड या फिर धूमकेतु हो सकती है। भविष्य मलिका के मुताबिक यह धूमकेतु तब गिरेगा जब भारत में युद्ध चल रहा होगा। धरती पर उल्कापिंड एक भयावह घटना होगी, जब यह उल्कापिंड दिन के समय में हिंद महासागर बंगाल की खाड़ी में गिरेगा। इससे एक बड़ी सुनामी आएगी और सुनामी में ओड़िसा के 6 जिले जलमग्न हो जाएंगे। 

6. भगवन जगन्नाथ जायँगे छतिया बाटा  

सुनामी के कारण पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर की बाविस्वी सीडी तक पानी आ जाएगा। इस पानी में समुद्री मछलियां भी होंगी और ये लहरें श्री मंदिर के नील चक्र के ऊपर से निकल जाएँगी। इसलिए उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ को उनके भक्तजन पूरी से जाजपुर जिले में कटक से 30 किलोमीटर दूर छतिया बाटा ले जाएँगे। 

7. चीन और 13 इस्लामिक देशो का भारत पर होंगा हमला





भविष्य मलिका में कहा गया है जब शनि मीन राशी में प्रवेश करेंगा, तो उसी समय दुनिया तीसरे विश्व युद्ध का महाविनाश देखेगी। 29 मार्च 2025 से 23 फरवरी 2028 तक कभी मार्गी और कभी वक्री होकर शनि मीन राशि में रहेंगे, इसी समय में भारत विश्व युद्ध में शामिल हो जाएगा। इस युद्ध का मुख्य कारण होगा भारत को लुटनेकी साजिस। 

जब भारत धार्मिक अतरिक समस्या से जुज रहा होगा और तब भारत में मिलिट्री शासन लगा होगा तभी चीन और पाकिस्तान अपने देश की हालत सुधारने के लिए भारत पर हमले की योजना बनायेंगे। चीन हमेशा की तरह खतरनाक साजिश रचेगा और पाकिस्तान सहित अन्य 12 इस्लामिक देश को धार्मिक आधारपर भारत के विरोध में लाने में सफल हो जाएगा। 

भारत कुल 13 महीने महायुद्ध लड़ेगा, जब पाकिस्तान समेत 13 इस्लामिक देश और चीन भारत पर हमला करेंगे। शुरुवात में इन देशो को सफलता मिलेगी जिससे भारत का एक बहुत बड़ा हिस्सा दुश्मन के अधिकार में चला जाएगा। इस युद्ध के दरम्यान भारत के कई शहरोपर परमाणु हमले किए जाएगे, लेकिन भारत कुछ भीषण हमलेसे बच जाएगा यह एक गुप्त रहस्य है, इसलिए इसे मे और आप कोई नहीं जान सकता।  

लेकिन भारत की सेना सटीक रणनीति के तहत बहुत ही शीघ्र दुश्मन देशो पर शक्तिशाली विस्पोटक भयानक प्रति हल्ला करेगा। जिससे दुश्मन देशो में हाहाकर मच जाएगा और वह केवल एक दुसरेके भरोसे ही रह जाएगे और इस तरह अंततः भारत इस युद्ध को जीत लेगा। न केवल युद्ध जीत लेगा बल्कि अखंड भारत भी एक हकीकत बनेगा। 

चीन के कई तुकडे हो जायेंगे और बचे 12 इस्लामिक देश अपना अस्तित्व खो देंगे। वह भारत के आगे सरेडर कर देगे और बचा पाकिस्तान हर बार की तरह भारत के आगे माफ़ी मागेगा और भारत में शामिल होनेकी माग करेगा। इस तरह पाकिस्तान का नामो निशान मिट जाएगा और वह अखंड भारत का हिस्सा बनेगा। 

भारत पहले 5 साल 5 महीने तक तीसरे विश्वयुद्ध में शामिल नहीं होगा जब भारत पर हमला होगा तब अखरिके 13 महीने के बाद भारत को युद्ध में शामिल होना ही होंगा। यह युद्ध 13 महिने चलेगा और इसी समय भारत में मिलिट्री शासन लगेगा। 

8. भगवान कल्कि अवतार और युद्ध विराम 

भारत पर हुए हमले से लोग परेशान हो जाएँगे और दुश्मन सेना चारो वोर से भारत को और जगनाथ पुरी को घेर लेंगी। इसी समय भारत में गृहयुद्ध अपने चरन पर पहोच जाएगा और भारत में सैन्य शासन ( मार्शल लॉ ) लगेगा।

दुश्मन सेना राम मंदिर और बंगाल का काली मंदिर पर हमला करेंगे इस हमले मे राम मदिर को काफी नुकसान होंगा। भारत का आकाश बारूंदी धुवे से काला हो जायेगा। भारत कि राजधानी दिल्ली पर ताबतोड बारूंदी हल्ला किया जायेगा और इसलीए भारत को कर्नाटक को  नई राजधानी घोषित करणी पडेगी। 

चीनी सैनिक उत्तर पूर्व से और उसके सहयोगी सैनिक केरल, बंगाल और ओडिसा से भारत मे घुसेंगे। इस युद्ध में भारी रक्तपात होगा और कई लोग मारे जायएंगे। भारत में चारो वोर केवल विनाश हि विनाश दिखाई देणे लगेगा।

इसलीए लोग भगवान से इस हमले से बचने की गुहार लगाएँगे। तब एक नया मोड़ आएगा और भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि सभी के सामने आएँगे। 
दुश्मनों पर कल्कि भगवान कहर बनकर टूट पडेगे इससे दुश्मनों में खलबली मच जाएगी वे एक दुसरे के भरोसे ही रह जाएंगे। 

भारतीय सैनिक दुश्मनोके घर में घुसकर मारेगी। दुष्मन देशो को कुछ सोचने समजणे से पहिले हि इन देशो का अतित्व हि भारत मिटा देगा। इन देशो को अपनी गलती का ऐसास होगा और भारत के आगे सरेंडर कर देंगे लेकिन चीन और पाकिस्तान परमाणू बाँम्ब छोडनेकी गलती करेंगे पर कल्की भगवान की कृपा से यह परमाणू बॉम्ब ज्यादा हानी नही पोहच्या पायेंगे। लेकिन उत्तर भारत में इस हमलेसे काफी नुकसान होगा।

भारत भी कुछ ही समय में चीन और पाकिस्तान पर परमाणू बाँम्ब से हमला कर देगा। भारत का हमला इतना सटीक होगा कि चीन और पाकिस्तान घुटनोपर आजायेंगे और इस तरह भारत युद्ध विजयी हो जाएगा। भविष्य मलिका की भविष्यवाणी के अनुसार कल्कि अवतार जन्म हो चुका है और वह अभी भी किसी गुप्त स्थान पर है।


9. अखंड भारत और युग परिवर्तन

विश्व युद्ध के बाद सीमाए बदल जाने की वजह से दुनिया में कुल 111 देश ही होंगे और विश्व की आबादी केवल 60 (अनुमाणित आकडा) करोड़ रह जाएगी। बाकि बचे लोग सनातन धर्म का स्वीकार कर लेगे। भारत इन सभी देशों को नए युग में ले जाएगा और विश्व का नेतृत्व भी करेगा। अखंड भारत की शासन व्यवस्था अलग होगी और लोकतंत्र से भी उत्तम व्यवस्था कायम होगी और पुरे विश्व में केवल एक ही धर्म होंगा सनातन धर्म।  

10. भारत का आखिरी राजा एक हिंदू शासक होंगा 

मालिका के मुताबिक ओडिशा में पूरी के आखरी राजा गजपति महाराज होंगे और वही समयकाल भारत के आखिरी राजा यानि प्रधानमंत्री का भी होगा। यानी भारत के आखिरी पीएम को भी इसी समय काल में होना है। भारत का आखरी राजा एक शक्तिशाली हिंदू शासक, योगी पुरूष होंगा और उसकी कोई संतान नहीं होगी। 

शनिवार, 3 जून 2023

मालगाड़ी पर चढ़ गया इंजन, बालासोर में जंग की तबाही जैसा है मंजर??

 मालगाड़ी पर चढ़ गया इंजन, बालासोर में जंग की तबाही जैसा है मंजर-


ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के पास तीन ट्रेनें इस तरह टकराईं मानो देश में कोई युद्ध छिड़ गया हो और गोलाबारी और बमबारी से सब अस्त-व्यस्त हो गया है. इस ट्रेन हादसे में एक के बाद एक ट्रेनें बेपटरी होकर दूसरे ट्रैक पर जा गिरीं और अन्य ट्रेनों को चपेट में लेती गईं|


इस हादसे में मरने वालों की तादाद 280 हो गई है और 900 लोग घायल हैं. मौके पर बड़े पैमाने पर बचाव और राहत का अभियान चल रहा है. सेना भी बचाव के काम में    जुटी हुई है. वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी मौके पर मौजूद हैं और 50 से ज्यादा एंबुलेंस तैनात हैं|


शनिवार सुबह अंधेरा छंटा तो इस हादसे की तस्वीर और साफ हुई और हादसे की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. एनडीआरएफ को बोगियों के बीच चिपके शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल करना पड़ा. अब भी कई घायल ऐसे हैं जो क्षतिग्रस्त बोगियों में फंसे हुए हैं|


हादसा ऐसा था कि एक बार में कुछ समझ ही भी नहीं आ सका. पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर की खबर आई. इसके बाद हावड़ा एक्सप्रेस के टकराने की भी बात सामने आई|


फिर साफ हुआ कि पहले गाड़ी संख्या 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे.  पटरी से उतरे ये डिब्बे गाड़ी संख्या 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए |

फिर कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई|

ट्रेन संख्या 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) के कोच बी2 से बी9 तक के कोच पलट गए थे. वहीं ए1-ए2 कोच भी ट्रैक पर औंधे जा पड़े. वहीं, कोच B1 के साथ-साथ इंजन पटरी से उतर गया और कोच एच1 और जीएस कोच ट्रैक पर रह गए |

हादसे में मारे गए लोगों के लिए दस दस लाख के मुआवजे का ऐलान किया गया है और पीएम राहत कोष से भी दो दो लाख रुपए देने का ऐलान किया है|


ये ट्रेने हुईं रद्द-


12837 हावड़ा-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 2 जून, 2023, 12863 हावड़ा-बेंगलुरु सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 12839 हावड़ा-चेन्नई मेल यात्रा, 12895 शालीमार-पुरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, -20831 शालीमार-संबलपुर एक्सप्रेस, 02837 संतरागाछी-पुरी स्पेशल एक्सप्रेस और 22201 सियालदह-पुरी दुरंतो एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है।


इन ट्रेनों का बदल गया रास्ता-

03229 2 जून 2023 को पुरी से पुरी-पटना स्पेशल वाया जाखपुरा-जरोली रूट से चलेगी, 12840 चेन्नई-हावड़ा मेल चेन्नई से जाखपुरा और जरोली रूट से चलेगी, 18048 वास्को डी गामा-हावड़ा अमरावती एक्सप्रेस वास्को से जाखपुरा-जारोली रूट से चलेगी, 22850 सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस सिकंदराबाद से जाखपुरा और जरोली होते हुए चलेगी, 12801 पुरी-नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस पुरी से जाखपुरा और जरोली रूट से चलेगी, 18477 पुरी-ऋषिकेश कलिंग उत्कल एक्सप्रेस पुरी से अंगुल-संबलपुर सिटी-झारसुगुड़ा रोड-आईबी रूट से चलेगी, 22804 संबलपुर-शालीमार एक्सप्रेस संबलपुर से वाया संबलपुर सिटी-झारसुगुड़ा रूट से चलेगी, 12509 बैंगलोर-गुवाहाटी एक्सप्रेस बेंगलुरु से विजयनगरम-टिटिलागढ़-झारसुगुड़ा-टाटा रूट से चलेगी और 15929 तांबरम-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस तांबरम से वाया रानीताल-जारोली रूट से चलेगी।

एनडीआरएफ की तीन टीमें घटनास्थल पर, ओडिशा सरकार से संपर्क में: ममता-

माना जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन में बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल के यात्री हैं। इसे देखते हुए बंगाल सरकार लगातार ओड़िशा सरकार के साथ संपर्क में है। हादसे की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव के साथ बैठक की और हालात की जानकारी ली।

ओड़िशा सरकार के साथ संपर्क में: ममता-




मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य प्रशासन लगातार ओडिशा सरकार से संपर्क में है। राज्य के मुख्य सचिव के साथ बैठक कर गठित की गई राज्य की टीम को घटनास्थल पर समन्वय के लिए रवाना कर दिया गया है।

क्या बोले मुख्य सचिव-

मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन में बड़ी संख्या में प्रदेश के यात्री भी हैं। दुर्घटना के बाद हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।

एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर-

एनडीआरएफ के आईजी एनएस बुंदेला ने बताया कि बल की तीन टीमें घटनास्थल पर तैनात कर दी गई हैं। हमारी प्राथमिकता यात्रियों की जान बचाना है। राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। सर्च लाइटें, हाइलोजन, गैस कटर की व्यवस्था कर रात में भी लोगों की जान बचाने की मुहिम एसडीआरएफ की टीमों के साथ मिलकर चलाई जा रही है।

खड़गपुर, हावड़ा, बालासोर और संतरागाछी से राहत टीमें पहुंचीं, वायुसेना को भी उतारा-

दुर्घटना की जानकारी मिलते ही खड़गपुर, हावड़ा और संतरागाछी से राहत और बचाव के लिए राहत दुर्घटना राहत ट्रेनों को भेजा गया। राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम, मेडिकल टीम, एंबुलेंस दुर्घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। मामूली घायलों को बालासोर, खंटापारा, सोरो और गोपालपुर स्वास्थ्य इकाइयों में स्थानांतरित किया जा रहा है। हावड़ा, संतरागाछी, शालीमार, खड़गपुर और बालासोर में हेल्पडेस्क खोले गए हैं। इस बीच, जानकारी मिल रही है कि राहत व बचाव कार्य को तेज करने के लिए वायुसेना को भी उतारा गया है।

बंगाल से दक्षिण भारत जाने वाली सभी ट्रेने निरस्त-

रेलवे विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि इस दुर्घटना के बाद बंगाल से दक्षिण भारत की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया है। कब तक इस रूट पर यातायात बहाल होगी, इस बारे में रेलवे के अधिकारी कुछ नहीं बता पा रहे हैं।

घटना के बाद के अपडेट:-



  • ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक व्यक्तिगत रूप से बचाव कार्यों की निगरानी के लिए एसआरसी कंट्रोल रूम पहुंचे। नवीन पटनायक ने कहा कि मैं इस दुखद रेल दुर्घटना के बारे में अभी स्थिति की समीक्षा कर रहा हूं। मैं शनिवार सुबह वहां जाउंगा।
    • ओडिशा फायर एंड इमरजेंसी सर्विस का एक अतिरिक्त बचाव दल जिसमें ओडिशा फायर एंड डिजास्टर रिस्पांस अकादमी भुवनेश्वर के अग्रिम बचाव उपकरणों के साथ 26 सदस्य शामिल हैं, बचाव के लिए दुर्घटना स्थल पर रवाना।
    • आपातकालीन नंबर: एचडब्ल्यूएच हेल्पलाइन- 03326382217, केजीपी हेल्पलाइन- 8972073925, 9332392339, बीएलएस हेल्पलाइन- 8249591559, 7978418322 एसएचएम हेल्पलाइन- 9903370746।
    • ओडिशा के मुख्य सचिव ने बताया कि 132 घायलों को सोरो सीएचसी, गोपालपुर सीएचसी और खांटापाड़ा पीएचसी में स्थानांतरित किया गया।
    • पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हम ओडिशा सरकार और रेलवे अधिकारियों के साथ सहयोग करने और बचाव कार्यों में सहायता के लिए 5-6 सदस्यों की एक टीम मौके पर भेज रहे हैं। मैं मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत रूप से स्थिति की लगातार निगरानी कर रही हूं।
    • पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओडिशा के बालासोर जिले में हुई कोरोमंडल ट्रेन दुर्घटना पर चिंता व्यक्त की। 033- 22143526/22535185 सहायता नंबर जारी।
    • ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राजस्व मंत्री प्रमिला मल्लिक और एसआरसी सत्यब्रत साहू को मौके पर पहुंचने और स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया।
    • भुवनेश्वर से अग्निशमन सेवाओं की स्ट्राइकिंग फोर्स का 26 सदस्यीय दल दुर्घटना स्थल पर पहुंचा।
    • सीएमओ ने बहानगा में बचाव कार्यों की निगरानी और समर्थन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों हेमंत शर्मा, बलवंत सिंह, डीजी फायर सर्विसेज को घटनास्थल पर प्रतिनियुक्त किया।
    • 3 एनडीआरएफ, 4 ओडीआरएफ, कई अग्निशमन सेवा इकाइयाँ और 50 से अधिक एम्बुलेंस बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।
    • लोगों को जानकारी प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक आपातकालीन संपर्क नंबर (91 6782 262 286) जारी किया गया है।

बुधवार, 24 मई 2023

रूस ने भारत को दी तेल और हथियार डील रद्द करने की धमकी???

 रूस ने भारत को दी तेल और हथियार डील रद्द करने की धमकी-


यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई को अवैध बताते हुए फरवरी में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने  रूस की सदस्यता रद्द कर दी थी. वहीं, जून में होने वाली आगामी बैठक में रूस को निगरानी सूची में डाला जा सकता है. इससे रूसी अर्थव्यवस्था को  काफी नुकसान होने की संभावना है. चूंकि, भारत FATF का सदस्य है, इसलिए इस सूची में डाले जाने से बचाने के लिए रूस भारत पर काफी दबाव बना रहा है|


यूक्रेन से युद्ध के कारण दुनिया से अलग-थलग पड़ा रूस भारत पर एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) में सहयोग करने के लिए दबाव बना रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने कहा है कि अगर भारत, रूस को FATF की 'ब्लैक लिस्ट या 'ग्रे लिस्ट' में शामिल होने से नहीं बचाता है, तो वह भारत के साथ रक्षा और ऊर्जा डील को खत्म कर देगा |FATF (Financial Action Task Force) एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध को रोकने की कोशिश करती है. FATF के ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल देश पर निगरानी बढ़ा दी जाती है और दी जाने वाली वित्तीय सहायता बंद कर दी जाती है|


समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पर्दे के पीछे से रूस भारत सहित ग्लोबल साउथ के कई देशों पर FATF की लिस्ट से बचाने के लिए दबाव बना रहा है. कहा जा रहा है कि यूक्रेन से युद्ध के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स जून में रूस को 'ब्लैक लिस्ट' या 'ग्रे लिस्ट' में शामिल कर सकता है| रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस खुद को आर्थिक रूप से अलग-थलग पड़ने से बचाने के लिए भारत को रक्षा और ऊर्जा सौदों को खत्म करने की धमकी दे रहा है |


FATF ने फरवरी 2023 में रूस की सदस्यता को रद्द कर दिया था. एफएटीएफ ने रूस की सदस्यता रद्द करते हुए कहा था कि यूक्रेन में रूस की जारी सैन्य कार्रवाई FATF के मूलभूत सिद्धांतों के विपरीत है. FATF ने यह भी कहा था कि यूक्रेन में जारी रूस की कार्रवाई उकसावे वाली है. सदस्यता रद्द करने के बाद  से ही FATF रूस को ब्लैक लिस्ट या ग्रे लिस्ट में शामिल करने पर जोर दे रहा है|

रूस की चेतावनी -


रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में एक रूसी स्टेट एजेंसी ने भारतीय समकक्ष को चेतावनी दी है कि अगर एफएटीएफ ने रूस को ब्लैक  लिस्ट या ग्रे लिस्ट में शामिल किया तो ऊर्जा, डिफेंस और ट्रांसपोर्टेशन क्षेत्र में इसके बहुत ही गंभीर परिणाम होंगे. रूसी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की  शर्त पर बताया, "यह बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है. रूस की ओर से यह एक तरह से अप्रत्याशित और नकारात्मक परिणामों को लेकर चेतावनी है." |

रूसी एजेंसी ने FATF के इस कदम को राजनीतिक और अवैध करार देते हुए भारत से इसका विरोध करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि अगर रूस को ग्रे लिस्ट में भी डाला जाता है, तो भारत के लिए यह कठिनाइयों का कारण होगा. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि भारत ने इन चेतावनियों का कोई जवाब दिया है या नहीं 

इसके अलावा, रूस या भारत में से किसी भी देश की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है|

भारत पर क्या होगा असर -


यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश पहले से ही रूस पर काफी प्रतिबंध लगा चुके हैं. फिलहाल रूस पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध लगे हुए हैं. इसके बाद रूस ने अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए चीन, भारत और ताइवान जैसे देशों के साथ संबंधों को बेहतर करने की कोशिश की है ,हालांकि, अगर एफएटीएफ रूस को ब्लैक लिस्ट कर देता है, तो इन देशों को भी रूस के साथ व्यापार जारी रखना बेहद मुश्किल हो जाएगा. इससे रूसी अर्थव्यवस्था ढह ढह सकती है |


मामले से अवगत एक अधिकारी ने कहा है कि रूस ने चेतावनी दी है कि रूस को अगर 'ग्रे लिस्ट' में  शामिल किया जाता है, तो भारत को हथियारों की आपूर्ति और अन्य परियोजनाओं पर प्रतिबद्धताओं को पूरा करना रूस के लिए मुश्किल हो जाएगा. नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि युद्ध की शुरुआत से ही रूस ने एफएटीएफ की बैठक में भारत से मदद की अपील की है. इससे पहले मई में भी रूस ने कहा था कि भारत FATF में शामिल एक विश्वसनीय सदस्य है. लेकिन यह दुख की बात है कि भारत  ने रूस के निलंबन का विरोध नहीं किया अगर एफएटीएफ रूस को ब्लैक या ग्रे लिस्ट में डालता है, तो तेल कंपनी रोजनेफ्ट और नायरा एनर्जी लिमिटेड के बीच जारी द्विपक्षीय सहयोग पर असर पड़ सकता है |रूसी हथियारों और सैन्य उपकरणों के निर्यात के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में तकनीकी सहयोग भी खतरे में पड़ सकते हैं. फरवरी में एयरो इंडिया 2023 प्रदर्शनी में नई संयुक्त विमानन परियोजनाओं के लिए रूसी प्रस्ताव पेश किए गए थे. यह परियोजना भी अधर में लटक सकती है. भारत के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सहयोग भी खत्म हो सकता है|


FATF की निगरानी सूची -

FATF की ब्लैक लिस्ट में अभी उत्तर कोरिया, ईरान और म्यांमार जैसे देश शामिल हैं. अगर रूस को FATF की ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है तो इससे रूस की अर्थव्यवस्था को और भी गहरा झटका लगेगा. रूस को FATF की ब्लैक लिस्ट में शामिल करने वाला प्रस्ताव अगर पारित हो जाता है तो रूस को सदस्य देशों के अलावा बैंकों और इन्वेस्टमेंट हाउसेस के साथ भी लेनदेन करने में जरूरी उपायों को मानने के लिए बाध्य होना पड़ेगा|

वर्तमान में FATF की ग्रे लिस्ट में अल्बीनिया, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और यूएई समेत कुल 23 देश शामिल हैं. 2021 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कोई भी देश ग्रे लिस्टेड होता है तो उस पर निगरानी बढ़ा दी जाती है. जिससे उस देश के पूंजी प्रवाह में काफी गिरावट देखी जाती है|

सोमवार, 22 मई 2023

चंडीगढ़ के आसपास घूमने की 11 जगह – Tourist Places In Chandigarh In Hindi???

 

चंडीगढ़ के आसपास घूमने की 11 जगह – Tourist Places In Chandigarh In Hindi*




Tourist Places In Chandigarh In Hindi : चंडीगढ़ भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है जो पंजाब के साथ-साथ हरियाणा की राजधानी है। चंडीगढ़ में एक ऐसी संस्कृति है जिसमें पारंपरिक पंजाब के साथ-साथ आधुनिकता का मिश्रण देखने को मिलता है। चंडीगढ़ एक बहुत ही सुंदर शहर है जो दिखने में एक दम सपने के जैसा लगता है। यह शहर अपनी मासूमियत और सुंदरता से हर किसी को आकर्षित कर सकता है। चंडीगढ़ का गठन भारतीय स्वतंत्रता बाद के भारत के पहले नियोजित शहर के रूप में हुआ था। यह शहर भारत के बाकी हिस्सों की तुलना में काफी सुव्यवस्थित है।

चंडीगढ़, पंजाब राज्य में हिमालय की शिवालिक श्रेणी की तलहटी में स्थित है।  उंचाई पर स्थित होने की वजह से साल भर चंडीगढ़ का मौसम अनुकूल रहता है। एक अधिक नियोजित शहर और कम अपराध दर होने कि वजह से यह शहर एक लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण बना हुआ है, क्योंकि यह भारत के बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए अपने देश से दूर घर के रूप में काम करता है।

अगर आप भी चंदिगढ़ की यात्रा करना चाहते हैं तो इस लेख को अच्छी तरह पढ़ें जिम्समे हम आपको चंडीगढ़ घूमने की पूरी जानकारी और इसके पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं।

* चंडीगढ़ का इतिहास – History of Chandigarh In Hindi



चंडीगढ़ भारत के सबसे संपन्न और महानगरीय शहरों में से एक है। चंडीगढ़ का इतिहास इसके नाम चंडी मंदिर और निकटवर्ती किले के रूप में है। बता दें कि चंडीगढ़ का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें चंडी देवी के नाम से लिया गया जबकि ‘गढ़’ का अर्थ किला होता है। चंडीगढ़ हिमालय की शिवालिक श्रेणी की तलहटी में स्थित है। एंटीडिल्वियन युग के दौरान हजारों साल पहले, शहर एक बड़े जल निकाय द्वारा कवर किया गया था जिसके बारे में भूवैज्ञानिक अध्ययन के दौरान समुद्री उभयचरों के अवशेषों से साबित हुआ था। चंडीगढ़ के आधुनिक इतिहास की बात करें तो ब्रिटिश शासन के तहत प्रांत को पूर्व और पश्चिम पंजाब में विभाजित किया गया था। हरपंस का निवास यहाँ एक और आकर्षक ऐतिहासिक तथ्य है, जो दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता में से एक है। 1960 के दशक के दौरान किए गए कुछ खुदाई कार्य के दौरान इसके अस्तित्व के निशान मिले। चंडीगढ़ का आधुनिक इतिहास 1947 का है जब ब्रिटिश शासन के तहत पूर्व प्रांत को पूर्व और पश्चिम पंजाब में विभाजित किया गया था।

1.चंडीगढ़ के आसपास घूमने की जगह रोज गार्डन – Chandigarh Me Ghumne Ki Jagha Rose Garden In Hindi*



रोज गार्डन चंडीगढ़ का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो सेक्टर 16 में स्थित है। इस गार्डन में फूलों की लगभग 825 किस्म, 32,500 किस्म के पेड़ और औषधीय झाड़ियाँ भी पाई जाती है। चंडीगढ़ के रोज गार्डन को जाकिर हुसैन रोज गार्डन के रूप में भी जाना जाता है जो 30 एकड़ में फैला हुआ है। उत्तम तरह के फूलों की किस्मों की वजह से यह गार्डन पर्यटकों और प्रकृति के प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। इस गार्डन की सबसे खास बात यह है कि यह एशिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा उद्यान है, जिसका निर्माण वर्ष 1967 में प्रथम मुख्य आयुक्त एमएस रंधावा के मार्गदर्शन में किया गया था।

2.रॉक गार्डन ऑफ चंडीगढ़ – Rock Garden Of Chandigarh In Hindi*



रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सेक्टर 1 में स्थित एक विशाल ओपन-एयर प्रदर्शनी हॉल है जहाँ पर आप शहरी और औद्योगिक कचरे से बनी मूर्तियों को देख सकते हैं। रॉक गार्डन का निर्माण वर्ष 1957 में अधिकारी नेक चंद ने किया था जो करीब विशाल 40 एकड़ में फैला हुआ है। यह पार्क शहर में कल्पना और नवीनता का एक प्रतीक बन गया है। अपनी सीमाओं में 5,000 मूर्तियाँ होने के कारण चंडीगढ़ का रॉक गार्डन ‘बेस्ट फ्रॉम वेस्ट’ का एक अच्छा उदाहरण है।

3. चंडीगढ़ में देखने लायक जगह पिंजौर गार्डन – Chandigarh Me Dekhne Layak Jagha Pinjore Gardens In Hindi*




पिंजौर गार्डन को यादविंद्रा गार्डन के रूप में भी जाना जाता है, जिसको मुगल सम्राट औरंगजेब के तहत एक नवाब द्वारा बनाया गया था। इस गार्डन का विस्तार और पुनर्निर्माण पटियाला राज्य के महाराजा यादविन्द्र द्वारा किया गया था। आपको बता दें कि इस गार्डन में कई महलनुमा संरचनाएं हैं जो राजस्थानी और मुगल वास्तुकला विशिष्ट शैली को प्रदर्शित करती हैं। अगर आप चंडीगढ़ की यात्रा करने के लिए जा रहे हैं तो पिंजौर गार्डन को देखना न भूलें।

4. चंडीगढ़ में देखने की जगह अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय – Chandigarh Me Dekhne Layak International Dolls Museum In Hindi*



अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय चंडीगढ़ का प्रमुख आकर्षण है जो 25 से अधिक विभिन्न देशों की गुड़िया और कठपुतलियों को प्रदर्शित करता है। बता दें की इस संग्रहालय को 1985 में स्थापित किया गया था और इसका प्रबंध भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा किया जाता है। डॉल मुजियम का मुख्य आकर्षण भारतीय खंड और टॉय ट्रेन है।


5. चंडीगढ़ में घूमने लायक जगह सुखना लेक – Places To Visit In Chandigarh Sukhna Lake In Hindi*



सुखना लेक शिवालिक पहाड़ियों के तल पर स्थित है जो एक सुंदर चित्र पेश करती है। सुखना झील एक मानव निर्मित झील है जिसको वर्ष 1958 में बनाया गया था। शहर में अपनी तरह की एक एकमात्र मौसमी ना चोई (धारा) है जो शिवालिक पहाड़ियों को बहाती है। अपने नील पानी के साथ यह झील सुबह जॉगर्स और वॉकर के लिए एक आदर्श जगह है। इस झील की सैर करके आप जहाँ ताजी हवा का आनंद भी ले सकते हैं।


6. चंडीगढ़ में घूमने की जगह फन सिटी – Chandigarh Me Gumne Ki Jagha Fun City In Hindi*



फन सिटी रामगढ़ का जल मनोरंजन पार्क है जो उत्तर भारत में सबसे बड़ा है। इस पार्क में गतिविधि पूल, तीन लैंडिंग पूल और एक लहर पूल के साथ कई तरह के पानी के स्लाइड मौजूद हैं, जो वाटर लवर्स के लिए यादगार साबित हो सकते हैं। यहाँ के अन्य आकर्षणों में आलसी नदी की सवारी, रेड ड्रैगन स्लाइड, रफ स्लाइड, स्पलैश पूल, एक्वा डांस, व्हाइट मल्टी लेन, टाइफून टनल, व्हाइट स्लाइड और पेंडुलम स्लाइड के नाम शामिल हैं।


7. चंडीगढ़ के पर्यटन स्थल टेरेस गार्डन – Chandigarh Ke Paryatan Sthal Terraced Garden In Hindi*




टैरेसर्ड गार्डन चंडीगढ़ का एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है जो शहर के सेक्टर 33 में स्थित है। यह एक ऐसा गार्डन है जो विभन्न रंगीन और जीवंत फूलों के होने का दावा करता है। जो भी पर्यटक टेराटेड गार्डन की सैर करते हैं वो अपने चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान के साथ शानदार अनुभव भी प्राप्त करते हैं।


8. चंडीगढ़ में वाटर पार्क थंडर जोन – Chandigarh Me Water Park Thunder Zone In Hindi*



थंडर जोन चंडीगढ़ शहर का एक उत्तेजक मनोरंजन और वाटर पार्क है जो स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी मौज-मस्ती, उन्माद और मनोरंजन के बीच अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का रोमांचक विकल्प प्रदान करता है। थंडर जोन चंडीगढ़ का एक ऐसा आकर्षण है जो सभी उम्र के लोगों को भरपूर आनंद और रोमांचकारी राइड्स प्रदान करता है। थंडर जोन- को 15 मई को 2002 में स्थापित किया गया था जो शहर के केंद्र से केवल 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


9. चंडीगढ़ के आसपास घूमने की जगह एक्वा विलेज – Chandigarh Ke Aas Pass Ghumne Ki Jagha Aqua Village In Hindi*



एक्वा विलेज चंडीगढ़ से 25 किलोमीटर की दूरी पर कालका रोड पर स्थित है जो शहर में एक अपेक्षाकृत नया पानी सह मनोरंजन पार्क है। यहाँ पर्यटक सिर्फ गर्मियों के दिनों में वाटर राइडिंग का मजा ले सकते हैं क्योंकि यह केवल गर्मियों के मौसम में ही खुला रहता है। एक्वा विलेज चंडीगढ़ के लोगों और पर्यटकों की पसंदिदा जगह है।


10. चंडीगढ़ के दर्शनीय स्थल संग्रहालय और आर्ट गैलरी – Chandigarh Ke Darshniya Sthal Museum And Art Gallery In Hindi*


संग्रहालय और आर्ट गैलरी सेक्टर 10 में स्थित है जो चंडीगढ़ में सबसे दिलचस्प स्थानों में से एक है और पर्यटकों द्वारा बेहद पसंद की जाती है। इस संग्रहालय में प्राचीन और ऐतिहासिक समय से लेकर कई तरह के चित्रों और सिक्कों तक सिंधु घाटी सभ्यता के पुरावशेष हैं।


11. मोहाली क्रिकेट स्टेडियम चंडीगढ़ – Mohali Cricket Stadium Chandigarh In Hindi *



मोहाली क्रिकेट स्टेडियम आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब का घर, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन की सीट है, जिसकी स्थापना 1993 में हुई थी और इसे पूरा होने में 3 साल का समय लग गया था। यह स्टेडियम कई स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय मैचों का स्थान रहा है और क्रिकेट प्रेमियों का पसंदिदा स्थल रहा है।



रविवार, 21 मई 2023

10 हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल जो प्रकृति के आँचल में आपको समेट लेंगे???

 

10 हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल जो प्रकृति के आँचल में आपको समेट लेंगे-

         
           


हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत का सबसे चहीता पहाड़ी इलाका है जो ढ़ेर सारी खूबसूरत स्थलों के लिए मशहूर है। पहाड़ों से दिखते सौंदर्य पूर्ण नज़ारे, कितना आकर्षित करते हैं न? जी चाहता है कि इस दुनिया में ही विलीन हो जाए। बिल्कुल ऐसे ही नज़ारे जो स्वर्ग जैसी अद्भुत दुनिया की सैर करवाऐंगे, वो सब आपको यहाँ दिखेंगे। एक शांतिप्रिय सफर जो आपके मन को रोज़मर्रा की चिंता से मुक्त कर देगा। यहाँ की तिब्बती संस्कृति की झलक भी आपको मोहित कर देगी। मठों की सैर करके आप अपनी आध्यात्मिकता को चरम-सीमा तक ले जा पाऐंगे। ट्रैकिंग, स्किईंग, पर्वतारोहण, आदि से आप अपने सफर को रोमांचक बनाने में भी यहाँ कामयाब हो जाऐंगे। हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल` इन सभी का मिश्रण है। कोई भी क्षेत्र आपको किसी भी मायने में फीका-सा नहीं लगेगा।

10 हिमाचल प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थल

पश्चिमी हिमालय की गोद में बसा यह राज्य पहाड़ों व नदियों से घिरा है। ये राज्य रावी, चेनाब, ब्यास, यमुना व सत्लुज जैसी बड़ी नदियों का मूल क्षेत्र है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण यह क्षेत्र छुट्टियाँ मनाने के लिए एक बहुत ही उम्दा पसंद है। तो फिर बिना झिझके हिमाचल प्रदेश पर्यटन स्थल के नक्शे को उठाइए और चल पड़िए एक यादगार सफर पर। आइए जानते है कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में:

1. कसौल-



अगर बात आए किसी ऐसे स्थान को चुनने की जहाँ मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य हो, रोमांचक क्रियाएँ हो और वह साल भर पर्यटकों का केंद्र बना रहता हो तो, वो है – कसौल। हिमाचल प्रदेश पर्यटन स्थल का विस्मरणीय हिस्सा जहाँ न आना आपकी सबसे बड़ी गल्ती साबित होगी। पार्वती घाटी व पार्वती नदी की सुंदरता यहाँ का मुख्य आकर्षण है। ये बस एक पर्यटक स्थल नहीं है जहाँ बस आप घूम कर आ गए और फिर भूल गए। ये एक ऐसा अनोखा एहसास है जिसे आप जीवन भर याद रखेंगे। दुनिया भर से पर्यटक यहाँ उसी एहसास के लिए आते है।

2. मैक्लोड़गंज-



कांगड़ा का वह हिस्सा जो आजकल का सबसे चर्चित दर्शनीय स्थल है। बहुत से तिब्बतियों के निवास करने के कारण इसे छोटा ल्हासा भी कहा जाता है। ये स्थान धार्मिक स्थल व पर्वतीय स्थल का मिश्रण है। लोग यहाँ बहुत से कारणों से आते है जिसमें- आध्यात्मिकता, हिमालय से रुबरू होना, साहसिक कार्य व खूबसूरत दृश्यों का लुत्फ़ उठाना शामिल है। ये स्थान बौद्ध श्रद्धालुओं का मुख्य केंद्र हैं और इसके पीछे कारण ये है कि यह बौद्धों के 14वें दलाई लामा का निवास स्थान है। इनकी पवित्र उपस्थिति के कारण यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहाँ आकर आप तिब्बती बौद्धों व भिक्षुयों की जीवन-शैली को करीब से देख सकते हैं।

3. लाहुल-स्पिति-


हिमाचल प्रदेश का ठंडा मरूस्थल क्षेत्र। बर्फ से ढ़के पहाड़, रंग-बिरंगे मठ व छोटे-छोटे गाँव-सब कुछ आँखों में भरने लायक। साफ नीला आसमान, इतना करीब की आप हाथ उठा के छूने की गुस्ताखी कर सकें। प्रदूषण मुक्त वातावरण जहाँ आपका बस जाने का दिल करने लगे। तिब्बती संस्कृति की लहर जो आपको अपना बना ले। आप बेझिझक अपना कैमरा निकालकर इन खूबसूरत दृश्यों की तस्वीरें खींचने में विलीन हो जाऐंगे। बाइकों द्वारा इन टेढ़े-मेढ़े रास्तों से गुज़रते हुए इन नज़ारों का लुत्फ़ उठाना अपने आप में एक अतुल्नीय एहसास है।

4. धर्मशाला -



प्राकृतिक सुंदरता व संस्कृति का जहाँ मिलन होता है वहाँ, धर्मशाला जैसी जगह का जन्म होता है। हिमाचल प्रदेश आकर्षक स्थल का वो क्षेत्र जो समुद्र तल से 1475 मीटर ऊपर बसा है। अपनी लंबी छुट्टियों को यहाँ गुज़ारना एक बहुत अच्छा फैसला हो सकता है। धौलाधर पर्वत-श्रृंख्ला की पृष्ठभूमी लिए हुए, ये स्थान शोभायमान दृश्यों का पिटारा है। शांत माहौल आपके मन को कृतार्थ कर देगा। इसी माहौल की तो सबको तलाश होती है जहाँ बैठकर आप अपने अंदर चल रही व्यथा से मुक्ति पा सकते हैं।

5. शिमला-



हिमाचल प्रदेश का राजधानी क्षेत्र जो पर्वतीय स्थलों में अपनी अनोखी पहचान लिए खड़ा है। चीड़, ताड़ व देवदार के पेड़ों ने वातावरण को हरा-भरा और तरों-ताज़ा बनाया हुआ है। हिमाचल प्रदेश दर्शनीय स्थल का वो अटूट हिस्सा जो केवल राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का भी सबसे पसंदीदा गंतव्य है। प्राकृतिक अजूबों का भंडार व साहसिक कार्यों का मुख्य स्थल। कैमरे में कैद करने लायक हर तरह बेहतरीन नज़ारा। शांति की खोज में यहाँ-वहाँ भटकना छोडिए और यहाँ आइए।

6. मनाली-


समुद्र तल से 6725 फीट ऊपर बसा यह स्थान आपको पहाड़ों के साथ करीब से रुबरू करवाएगा। बर्फ से ढके पहाड़ पर्यटकों को यहाँ आने पर मजबूर कर देते हैं। लोग यहाँ बर्फ देखने व बर्फ से जुड़े कुछ रोमांचित खेलों का लुत्फ़ उठाने आते हैं। यहाँ आने का सबसे उचित समय है सर्दियों का मौसम। इस दौरान यहाँ भारी बर्फबारी होती है जिसके आप गवाह बन सकते हैं। गर्मियों का मौसम भी इसकी सुंदरता को फीका नहीं कर पाता। घास के मैदान.भी आपकी आँखों को भा जाऐंगे।

7. कुल्लु -



हिमाचल प्रदेश में पर्यटन स्थल की कमी नहीं है पर ये स्थान अपना अलग महत्व लिए हुए है। यह ब्याद नदी के तट पर बसा खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। यह रोहतांग पास, ब्यास कुंड व चंद्रताल झील की भूमी है। यहाँ का तापमान न अधिक गर्म है और न अधिक ठंडा, यही कारण है कि यात्री यहाँ कभी भी अपनी छुट्टियाँ बिताने आ सकते हैं। यात्री यहाँ गर्मी की चपेट से बचने के लिए आते है और अगर आप बर्फबारी का लुत्फ़ उठाने आना चाहते हैं तो दिसंबर व जनवरी सबसे उचित महीनें हैं।

8. बीर-बिलिंग-



इस स्थान को भारत की पैराग्लाइडिंग राजधानी कहा जाता है। इस स्थान ने पिछले कुछ सालों में बहुत लोकप्रियता हासिल की है। ये जगह सिर्फ रोमांचित कार्यों के लिए मशहूर नहीं है, बल्कि यह पर्यावरणीय पर्यटन( इको टूरिज़्म) के लिए भी मशहूर है। यह ऐसा स्थान है जहाँ स्थानीय यात्रियों से ज़्यादा विदेशी यात्री आते हैं। पैराग्लाइडिंग के वक्त आपको ऐसा लगेगा जैसे कि आप दुनिया के सबसे ऊँचे स्थान पर पहुँच गए हो व किसी पक्षी की तरह आज़ाद होकर पंख फैलाए उठ रहे हों।

9. मलाना -



हिमाचल प्रदेश का प्राचीन ग्रामीण इलाका जो एक तरफ पार्वती घाटी, दूसरी तरफ कुल्लु घाटी से घिरा हुआ है। चंदेरखानी व देओ टिब्बा चोटियों की छाया इस गाँव पर पड़ती है। यहाँ का अपना अलग रहन-सहन व संस्कृति है जिसके कारण पर्यटक इसकी ओर आकर्षित होते हैं। हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल में इसका किरदार बेहद अहम है। यह हिमालयी ग्रामीण क्षेत्र है। शांति व प्राकृतिक खूबसूरती का प्रतीक।

10. कांगड़ा-


आंतरिक शांति के लिए हर व्यक्ति प्रभु की शरण ढूँढ़ता है। कांगड़ा को देवी-देवताओं की भूमि कहा जाता है। पहाड़ी क्षेत्र, जो मन को धार्मिकता के साथ-साथ अपने प्राकृतिक सौंदर्य से घेरे हुए है । यहाँ आने का सबसे उचित समय है सितंबर से जून तक। वातावरण ताज़ी हवाओं से लिप्त व ऊँचे पहाड़ जो अपनी ऊँचाई से बादलों को स्पर्श करने लायक बना दे। हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थलों में इसका एक अलग महत्व है।

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