रविवार, 2 सितंबर 2018

खुलासाः असल में जावामैन नहीं ये हैं मानवजाति पूर्वज


खुलासाः असल में जावामैन नहीं ये हैं मानवजाति  पूर्वज!


कल तक आधुनिक मानव के पुरातन पुरखे जिन्हें होमोसैपियंस कहा जाता है के पूर्वज जावामैन समझे जाते थे, लेकिन विंध्याचल और सतपुड़ा के बीच गुफाओं में एक तीन लाख पुराने जीवाश्म ने फिर एक नया तथ्य सामने रख दिया है।

इससे स्पष्ट हो गया है कि होमोसैपियंस के पुरखे जावामैन नहीं हिंडलबर्ग गैंसिस थे। जीवाश्म की जांचों में पाया गया कि होमोसैपियंस और हिंडलबर्ग गैंसिस का मस्तिष्क 1400 सीसी का था, जबकि जावामैन का मस्तिष्क सिर्फ 1000 सीसी का ही रहा है।

विंध्याचल-सतपुड़ा के बीच नर्मदा घाटी में अति प्राचीन गुफाएं हैं। प्राचीनतम मानव जीवाश्म भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण की टीम को यहीं से मिले हैं। जीवाश्म की जांच हुई तो पता चला कि हिंडलबर्ग गैंसिस के बहुत सारे लक्षण होमोसैपियंस से मिलते हैं।

विज्ञानियों को नर्मदा घाटी की अति प्राचीन गुफाओं में हजारों के हिसाब से गैंसिस की चित्रकारियां भी मिली हैं। इसके साथ ही बहुत से पत्थरों के टेढ़े-मेढ़े औजार भी मिले हैं। विज्ञानियों का मत है कि इसी घाटी में मानव की उत्पत्ति हुई होगी। यहां का मौसम अच्छा है। इससे पुरातन मानव ने यहां रहना पसंद किया।
मोइरेक्टस से गैंसिस का मस्तिष्क पावर अधिक
ancestor of Homosapien.2
विज्ञानियों ने बताया कि अभी तक हिंडलबर्ग गैंसिस को कुछ मानव विज्ञानी होमो इरेक्टस मानते रहे। जावा में मिलने की वजह से इन्हें जावा मैन भी कहा जाता रहा, लेकिन जांच में होमो इरेक्टस से गैंसिस का मस्तिष्क पावर अधिक पाया गया है।

गैंसिस का मस्तिष्क पावर होमोसैपियंस से मिलता है। इन दोनों का मस्तिष्क 1400 सीसी का पाया गया। गैंसिस की खोपड़ी सबसे पहले हिंडलबर्ग जर्मनी में पाई गई थी, जिससे इसका नाम हिंडलबर्ग गैंसिस पड़ा।

विंध्याचल-सतपुड़ा के बीच तीन लाख साल पुराने जीवाश्म में स्पष्ट हुआ कि होमोसैपियंस के पूर्वज हिंडलबर्ग गैंसिस रहे। जीवाश्म बता रहे हैं कि मानव उत्पत्ति यहीं हुई होगी। जहां तक काल का प्रश्न है तो होमो इरेक्टस 18 से 4 लाख साल पुराने, हिंडलबर्ग गैंसिस 5 लाख साल से दो लाख साल पुराने हैं। होमोसैपियंस दो लाख साल से अब तक हैं।





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