---Google को कब और किसने बनाया---
History of Google Hindi – इंटरनेट पर कुछ भी ढूंढना है तो हमें सिर्फ एक ही नाम याद आता है “google”। कुछ लोग google को ही इंटरनेट समझते हैं। हमारी इंटरनेट लाइफ में google का बहुत बड़ा रोल है। इसके बहुत सारे प्रोडक्ट इंटरनेट पर हम रोज इस्तमाल करते हैं। इसलिए हमे Google के जन्म के बारे में जानना बहुत जरूरी है। की आखिर ये कब और किसने बनाया। तो आज हम इस पोस्ट में Google के बारे में जानेंगे।
History of Google hindi Google क्या है? यह एक सर्च इंजन है जो कि हमें इंटरनेट पर मौजूद बहुत सी जानकारियों को ढूढने में मदद करता है। google भी नार्मल वेबसाइट ही है जिसका Domain Name – www.google.com है। Google इंटरनेट की सबसे अच्छी सर्विस देती है इसलिए यह बहुत ज्यादा popular है। कुछ लोग तो गूगल को ही इन्टरनेट समझते है। लेकिन गूगल और internet अलग अलग है। गूगल को अच्छी तरह से समझने के लिए हमे इसके इतिहास को समझना होगा। Google से पहले इंटरनेट पर खोज कैसे होती थी? अगर आज आप “काम की बात” keyword सर्च करें तो आप सीधे हमारी वेबसाइट मैं आ सकते हैं। हमारे बहुत से आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं। जरा सोचिए नेट पर 15 करोड से जादा वेबसाइट है और यह रोज लाखों की संख्या में बढती है और घटती है। लेकिन एक टेक्नोलॉजी इतनी सारी भीड़ में भी आपको इतनी तेजी से result को search कर देती है। यह बात किसी चमत्कार से कम नहीं है। आज से करीब 20 साल पहले अगर कोई इन्टरनेट पर सर्च करता था तो उसे सिर्फ text ही मिलता था और वह भी बेमतलब का।
इंटरनेट पर अपनी काम के बात को ढूँढना नामुमकिन था आप किसी भी चीज को search नहीं कर सकते थे आपको link को follow कर के ही अपनी information ढूँढनी पढ़ती थी। Google के आने के 5 साल पहले तक इंटरनेट पर सर्च करने का कोई साधन नहीं था। यह बड़ी समस्या थी क्योंकि खोज करके जानकारी हासिल ना कर पाए तो इंटरनेट होने का क्या फायदा। Google से पहले जीन कंपनियों ने search को आसान बनाने की कोशिश की उनमे Yahoo और Excite मुख्य थे। पर ये भी इतना अच्छा रिजल्ट नहीं दे पा रहे थे। Yahoo search engine Yahoo ने शुरूआती दिनों में search engine बनाया। वह जानकारी और वेबसाइट को हाथों से लिंक करते थे। जिसमें काफी समय लग जाता था। इसके बाद आई Excite नाम की कंपनी इसने जो तकनीकी विकसित की थी वह याहू से काफी अलग और एडवांस थी। यहां websites और webpages को हाथों से लिंक नहीं किया जाता था।
Excite ने इसके लिए सॉफ्टवेयर को विकसित किया था। जब कोई Excite से search करता था तो यह सॉफ्टवेयर उन्ही साइट को show करता था जिनमें यह keyword मौजूद हो। यह उस सर्च की शुरुआत थी जिस का प्रयोग हम आज करते हैं। अब बहुत सारी कंपनियां मार्केट में उतर गई। सभी अपने प्रोडक्ट को और भी ज्यादा एडवांस बना रहे थे। कंपटीशन काफी बढ़ गया था। इन्होने कमाई करने के लिए search engine result में विज्ञापन लगाने शुरू किये जिससे search result में काम की information से ज्यादा विज्ञापन show होने लगे। सभी अपना मूल काम भूलकर अलग-अलग रास्ते में जा रहे थे। कंपनिया ये भूल गई थी कि लोग तुम्हारे पास बेहतरीन search result लेने आते है। सच कहें तो सर्च कंपनियों ने searching पर ध्यान देना ही छोड़ दिया था। वह अपनी वेबसाइट पर तरह-तरह के विज्ञापन और Text दिखा रहे थे। Google का जन्म कैसे हुआ ? इसी समस्या को हल करने के लिए Larry Page और Sergey Brin ने google को बनाया। Google अंग्रेज़ी के शब्द “गूगोल” से बना है, जिसका मतलब है− वह नंबर जिसमें एक के बाद सौ शून्य हों।
इन दोनों ने Google की शुरुआत 1996 में एक रिसर्च के दौरान की। उस वक्त ये दोनों स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफ़ोर्निया में PHD के छात्र थे। इन्हें “Google गाइस” के नाम से भी जाना जाता है। Larry Page और Sergey Brin ने पढ़ाई के दौरान ही इंटरनेट की कमी को देखा। इंटरनेट पर कुछ भी सर्च करने के लिए घंटो मेहनत करनी पड़ती थी और नतीजे मैं कुछ भी सही रिजल्ट नहीं मिलता था। इन्होने मिलकर ऐसे search engine को बनाया जो कि वेबसाइट की quality के हिसाब से वेबसाइट को पहले show करे। Larry Page and Sergey Brin Larry Page और Sergey Brin इनका मानना यह था कि इंटरनेट पर मौजूद कोई भी पेज आपनी quality खुद बता देता है। उनके अनुसार जो वेबसाइट ज्यादा अच्छी information देती है उसे search result में सबसे ऊपर रखा जाये। यदि किसी webpage का लिंक दूसरी वेबसाइट पर भी है तो वह एक अच्छी इनफार्मेशन देती होगी। इस तकनीक को उन्होंने पेजरैंक (Page Rank) का नाम दिया। Google शुरूआती दिनों में पॉपुलर नहीं हुआ। इन दोनों को लग रहा था कि google की वजह से इनकी पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। इसी कारण इन्होंने google को बेचने का मन बनाया। इस फार्मूले को इन दोनों ने नौजवानों ने Excite कंपनी को बेचना चाहा। पर कंपनी ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। सभी कंपनियों के मना कर देने के बाद इन्होंने Andy Bechtolsheim नाम के investor को अपना प्रोजेक्ट बताया। Andy को वह प्रोजेक्ट बहुत अच्छा लगा। उसने तुरंत 1 लाख डॉलर का चेक दोनों को दिया। इसके बाद कुछ और investor ने इसमें अपने पैसे लगाये। सितम्बर 4, 1998 में google को एक कम्पनी में स्थापित किया गया। Google ने अपनी कमाई कैसे की? अपने Page Rank फार्मूले के साथ यह काफी पॉपुलर हो गया पर google के सामने अभी एक समस्या थी। कि वह अपनी कमाई कैसे करें? उनकी कंपनी अब तक उधार के पैसे से चल रही थी और वह भी खत्म हो रहे थे। उन्होंने विज्ञापन के बारे में सोचा पर yahoo और Excite के नहीं चलने के परिणामों को वह जानते थे। पर विज्ञापन दिखाकर वह कमाई की जा सकती थी यह उन्हें पता था। Google चाहता था कि लोग विज्ञापन को देखें और पसंद आने पर उसे खरीदे। यह विज्ञापन से लोगों को परेशान करना नहीं चाहता था।
Google ने बीच का रास्ता निकाला और उन्होंने ये जाना कि जब कोई google पर कुछ सर्च करता है तो वह उसी keyword का कस्टमर भी हो सकता है। जैसे आपने सर्च किया “hindi music” तो जाहिर सी बात है आप music के शौकीन होंगे। Google ने इसी बात का फायदा उठा कर keyword के आधार पर विज्ञापन दिखाएं। अब यूज़र जिस keyword को google पर सर्च करता था उसी से रिलेटेड विज्ञापन उसे दिखाए जाने लगे। जिससे यूज़र को रिजल्ट के साथ-साथ उसके प्रोडक्ट भी खरीदे। Keyword से यूजर का दिमाग में पढ़ सकते थे कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है। इस फार्मूले से google ने कितनी कमाई की कि वह विश्व में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली वेबसाइट बन गई। History of Google Hindi इसके बाद गूगल ने Google Adword लांच किया जिसमें गूगल से ad करवाने वाले आसानी से आ सके। आपने देखा होगा कि google search करने पर विज्ञापन अलग और रिजल्ट अलग आते हैं। अगर आप google विज्ञापन को नहीं देखना चाहते हैं तो आप इसे ब्लॉक भी कर सकते हैं। इस टेक्निक से इंटरनेट यूजर को कोई परेशानी नहीं आई। और google अपने ब्रांड को और पॉपुलर करता गया।
Conclusion हम दिन-रात पैसे कमाने के चक्कर में रहते हैं। आज जो लोग सबसे ज्यादा पैसे कमा रहे हैं उनका एक ही टारगेट था – लोगों की प्रॉब्लम सॉल्व करना। उन्होंने यह बहुत कम समय में कीया और आज अरबों रुपए कमा रहे हैं। अगर आप भी लाइफ में कुछ करना चाहते है तो इसी तरह प्रॉब्लम का solution ढूंढे। Google ने भी यही किया इसलिए आज हम इसके इतने सारे product यूज कर रहे हैं।
History of Google hindi Google क्या है? यह एक सर्च इंजन है जो कि हमें इंटरनेट पर मौजूद बहुत सी जानकारियों को ढूढने में मदद करता है। google भी नार्मल वेबसाइट ही है जिसका Domain Name – www.google.com है। Google इंटरनेट की सबसे अच्छी सर्विस देती है इसलिए यह बहुत ज्यादा popular है। कुछ लोग तो गूगल को ही इन्टरनेट समझते है। लेकिन गूगल और internet अलग अलग है। गूगल को अच्छी तरह से समझने के लिए हमे इसके इतिहास को समझना होगा। Google से पहले इंटरनेट पर खोज कैसे होती थी? अगर आज आप “काम की बात” keyword सर्च करें तो आप सीधे हमारी वेबसाइट मैं आ सकते हैं। हमारे बहुत से आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं। जरा सोचिए नेट पर 15 करोड से जादा वेबसाइट है और यह रोज लाखों की संख्या में बढती है और घटती है। लेकिन एक टेक्नोलॉजी इतनी सारी भीड़ में भी आपको इतनी तेजी से result को search कर देती है। यह बात किसी चमत्कार से कम नहीं है। आज से करीब 20 साल पहले अगर कोई इन्टरनेट पर सर्च करता था तो उसे सिर्फ text ही मिलता था और वह भी बेमतलब का।
इंटरनेट पर अपनी काम के बात को ढूँढना नामुमकिन था आप किसी भी चीज को search नहीं कर सकते थे आपको link को follow कर के ही अपनी information ढूँढनी पढ़ती थी। Google के आने के 5 साल पहले तक इंटरनेट पर सर्च करने का कोई साधन नहीं था। यह बड़ी समस्या थी क्योंकि खोज करके जानकारी हासिल ना कर पाए तो इंटरनेट होने का क्या फायदा। Google से पहले जीन कंपनियों ने search को आसान बनाने की कोशिश की उनमे Yahoo और Excite मुख्य थे। पर ये भी इतना अच्छा रिजल्ट नहीं दे पा रहे थे। Yahoo search engine Yahoo ने शुरूआती दिनों में search engine बनाया। वह जानकारी और वेबसाइट को हाथों से लिंक करते थे। जिसमें काफी समय लग जाता था। इसके बाद आई Excite नाम की कंपनी इसने जो तकनीकी विकसित की थी वह याहू से काफी अलग और एडवांस थी। यहां websites और webpages को हाथों से लिंक नहीं किया जाता था।
Excite ने इसके लिए सॉफ्टवेयर को विकसित किया था। जब कोई Excite से search करता था तो यह सॉफ्टवेयर उन्ही साइट को show करता था जिनमें यह keyword मौजूद हो। यह उस सर्च की शुरुआत थी जिस का प्रयोग हम आज करते हैं। अब बहुत सारी कंपनियां मार्केट में उतर गई। सभी अपने प्रोडक्ट को और भी ज्यादा एडवांस बना रहे थे। कंपटीशन काफी बढ़ गया था। इन्होने कमाई करने के लिए search engine result में विज्ञापन लगाने शुरू किये जिससे search result में काम की information से ज्यादा विज्ञापन show होने लगे। सभी अपना मूल काम भूलकर अलग-अलग रास्ते में जा रहे थे। कंपनिया ये भूल गई थी कि लोग तुम्हारे पास बेहतरीन search result लेने आते है। सच कहें तो सर्च कंपनियों ने searching पर ध्यान देना ही छोड़ दिया था। वह अपनी वेबसाइट पर तरह-तरह के विज्ञापन और Text दिखा रहे थे। Google का जन्म कैसे हुआ ? इसी समस्या को हल करने के लिए Larry Page और Sergey Brin ने google को बनाया। Google अंग्रेज़ी के शब्द “गूगोल” से बना है, जिसका मतलब है− वह नंबर जिसमें एक के बाद सौ शून्य हों।
इन दोनों ने Google की शुरुआत 1996 में एक रिसर्च के दौरान की। उस वक्त ये दोनों स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफ़ोर्निया में PHD के छात्र थे। इन्हें “Google गाइस” के नाम से भी जाना जाता है। Larry Page और Sergey Brin ने पढ़ाई के दौरान ही इंटरनेट की कमी को देखा। इंटरनेट पर कुछ भी सर्च करने के लिए घंटो मेहनत करनी पड़ती थी और नतीजे मैं कुछ भी सही रिजल्ट नहीं मिलता था। इन्होने मिलकर ऐसे search engine को बनाया जो कि वेबसाइट की quality के हिसाब से वेबसाइट को पहले show करे। Larry Page and Sergey Brin Larry Page और Sergey Brin इनका मानना यह था कि इंटरनेट पर मौजूद कोई भी पेज आपनी quality खुद बता देता है। उनके अनुसार जो वेबसाइट ज्यादा अच्छी information देती है उसे search result में सबसे ऊपर रखा जाये। यदि किसी webpage का लिंक दूसरी वेबसाइट पर भी है तो वह एक अच्छी इनफार्मेशन देती होगी। इस तकनीक को उन्होंने पेजरैंक (Page Rank) का नाम दिया। Google शुरूआती दिनों में पॉपुलर नहीं हुआ। इन दोनों को लग रहा था कि google की वजह से इनकी पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। इसी कारण इन्होंने google को बेचने का मन बनाया। इस फार्मूले को इन दोनों ने नौजवानों ने Excite कंपनी को बेचना चाहा। पर कंपनी ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। सभी कंपनियों के मना कर देने के बाद इन्होंने Andy Bechtolsheim नाम के investor को अपना प्रोजेक्ट बताया। Andy को वह प्रोजेक्ट बहुत अच्छा लगा। उसने तुरंत 1 लाख डॉलर का चेक दोनों को दिया। इसके बाद कुछ और investor ने इसमें अपने पैसे लगाये। सितम्बर 4, 1998 में google को एक कम्पनी में स्थापित किया गया। Google ने अपनी कमाई कैसे की? अपने Page Rank फार्मूले के साथ यह काफी पॉपुलर हो गया पर google के सामने अभी एक समस्या थी। कि वह अपनी कमाई कैसे करें? उनकी कंपनी अब तक उधार के पैसे से चल रही थी और वह भी खत्म हो रहे थे। उन्होंने विज्ञापन के बारे में सोचा पर yahoo और Excite के नहीं चलने के परिणामों को वह जानते थे। पर विज्ञापन दिखाकर वह कमाई की जा सकती थी यह उन्हें पता था। Google चाहता था कि लोग विज्ञापन को देखें और पसंद आने पर उसे खरीदे। यह विज्ञापन से लोगों को परेशान करना नहीं चाहता था।
Google ने बीच का रास्ता निकाला और उन्होंने ये जाना कि जब कोई google पर कुछ सर्च करता है तो वह उसी keyword का कस्टमर भी हो सकता है। जैसे आपने सर्च किया “hindi music” तो जाहिर सी बात है आप music के शौकीन होंगे। Google ने इसी बात का फायदा उठा कर keyword के आधार पर विज्ञापन दिखाएं। अब यूज़र जिस keyword को google पर सर्च करता था उसी से रिलेटेड विज्ञापन उसे दिखाए जाने लगे। जिससे यूज़र को रिजल्ट के साथ-साथ उसके प्रोडक्ट भी खरीदे। Keyword से यूजर का दिमाग में पढ़ सकते थे कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है। इस फार्मूले से google ने कितनी कमाई की कि वह विश्व में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली वेबसाइट बन गई। History of Google Hindi इसके बाद गूगल ने Google Adword लांच किया जिसमें गूगल से ad करवाने वाले आसानी से आ सके। आपने देखा होगा कि google search करने पर विज्ञापन अलग और रिजल्ट अलग आते हैं। अगर आप google विज्ञापन को नहीं देखना चाहते हैं तो आप इसे ब्लॉक भी कर सकते हैं। इस टेक्निक से इंटरनेट यूजर को कोई परेशानी नहीं आई। और google अपने ब्रांड को और पॉपुलर करता गया।
Conclusion हम दिन-रात पैसे कमाने के चक्कर में रहते हैं। आज जो लोग सबसे ज्यादा पैसे कमा रहे हैं उनका एक ही टारगेट था – लोगों की प्रॉब्लम सॉल्व करना। उन्होंने यह बहुत कम समय में कीया और आज अरबों रुपए कमा रहे हैं। अगर आप भी लाइफ में कुछ करना चाहते है तो इसी तरह प्रॉब्लम का solution ढूंढे। Google ने भी यही किया इसलिए आज हम इसके इतने सारे product यूज कर रहे हैं।
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