शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2020

Sushant Suicide Case: हाईकोर्ट में एनसीबी पर मुकदमे से मचा हड़कंप, इस शख्स ने मांगा 10 लाख का मुआवजा

 

Sushant Suicide Case: हाईकोर्ट में एनसीबी पर मुकदमे से मचा हड़कंप, इस शख्स ने मांगा 10 लाख का मुआवजा



बिहार चुनाव में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के आकस्मिक निधन का मुद्दा शांत हो चुका है। लेकिन, इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की सूचना पर शामिल हुई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम के लिए अपनी जांच के मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट को जवाब देना भारी पड़ रहा है। एनसीबी की जांच प्रक्रिया के खिलाफ उच्च न्यायालय में यहां एक मुकदमा दायर हो गया है, जिसकी अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी।
सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या को लेकर तीन केंद्रीय एजेंसियां मुंबई में सक्रिय रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास पटना में सुशांत के पिता की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर की जांच आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। प्रवर्तन निदेशालय सुशांत के खातों के लेन देन में किसी तरह की संभावित गड़बड़ी की जांच कर रहा है और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को ये अंदेशा रहा है कि ये मामला नशीले पदार्थों की तस्करी से भी जुड़ा हो सकता है।


सीबीआई और ईडी की जांच प्रक्रिया पर तो टीवी न्यूज चैनलों या डिजिटल मीडिया पर ज्यादा हंगामा नहीं मचा लेकिन एनसीबी की जांच के दौरान जिस तरह से नियमित तरीके से फिल्मी हस्तियों के नाम सामने आए और जिस तरह से उनको लेकर सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर हंगामा होता रहा, उस पर अब बंबई उच्चन्यायालय की भी नजर है। इसी बीच इस मामले में गिरफ्तार किए गए सुशांत सिंह राजपूत के घरेलू सहायक दीपेश सावंत ने एनसीबी के खिलाफ उच्च न्यायालय में मुकदमा भी ठोक दिया है।

राजेंद्र राठौड़ और आमिर कोराडिया नामक वकीलों की मदद से दाखिल अपनी याचिका में दीपेश ने एनसीबी पर उन्हें अकारण परेशान करने और अविधिक तरीकों से रोके रखने की शिकायत की है। दीपेश ने यह भी कहा कि एनसीबी ने अपने रिकॉर्ड्स में उनकी गिरफ्तारी का समय गलत दिखाया है और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक उन्हें गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया।


इस मसले के बंबई उच्च न्यायालय पहुंचने के बाद से एनसीबी मुंबई में बैकफुट पर है। ‘अमर उजाला’ ने ही सबसे पहले खबर दी थी कि एनसीबी की कार्यप्रणाली को लेकर हिंदी सिनेमा के बड़े सितारे ने कानूनी सलाह मशविरा शुरू कर दिया है और एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए मंत्रणा भी की है। इसी के बाद तमाम फिल्म निर्माताओं और फिल्म जगत की संस्थाओं ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दाखिल करके मीडिया ट्रायल रोकने और फिल्म उद्योग के विरुद्ध इस्तेमाल की जा रही भाषा पर ध्यान देने की अपील की थी।

जानकारी के मुताबिक एनसीबी के खिलाफ जो मुकदमा बंबई उच्च न्यायालय में दायर हुआ है, उसमें दो तारीखें अब तक पड़ चुकी हैं। लेकिन एनसीबी ने जवाब दाखिल करने के लिए अभी और समय मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 6 नवंबर को होगी। दीपेश ने अपनी याचिका में 10 लाख रुपये का मुआवजा भी एनसीबी से मांगा है।

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