←AC और DC Current में क्या अंतर है→
क्या आप जानते हैं Current दो प्रकार का होता है -
(1) Alternating Current (प्रत्यावर्ती धारा)\
(2) Direct Current (दिष्ट धारा)|
DC - DC धारा का मान तथा दिशा नियत रहते हैं, समय के साथ नहीं बदलते ।
DC - दिष्टधारा का उत्पादन जनित्र (जेनरेटर), डायनमो) से किया जाता है ।
DC - DC का उत्पादन केवल 650 वोल्ट तक ही किया जा सकता है ।
● DC को AC में परिवर्तित करने वालो युक्ति इन्वर्टर (Inverter) है ।
क्या आप जानते हैं Current दो प्रकार का होता है -
(1) Alternating Current (प्रत्यावर्ती धारा)\
(2) Direct Current (दिष्ट धारा)|
←एसी और डीसी में क्या अंतर होता है→
(1) परिभाषा -
AC - AC धारा का मान तथा दिशा समय के साथ परिवर्तित होते है ।
AC - AC धारा का मान तथा दिशा समय के साथ परिवर्तित होते है ।
DC - DC धारा का मान तथा दिशा नियत रहते हैं, समय के साथ नहीं बदलते ।
(2) उपयोग -
AC - आमतौर पर घरों मे उपयोग होने वाली धारा AC होती है जिसका उपयोग हम बल्बों, कूलर, पंखा, TV आदि मे करते हैं ।
AC - आमतौर पर घरों मे उपयोग होने वाली धारा AC होती है जिसका उपयोग हम बल्बों, कूलर, पंखा, TV आदि मे करते हैं ।
DC - हमारे मोबाइल की बैट्री में DC current होता है इसके अलावा वैल्डिंग में, इलैक्ट्रोप्लेटिंग, बैट्री और सेल में DC करंट होता है ।
(3) उत्पादन -
AC - प्रत्यावर्ती धारा का उत्पादन आल्टरनेटर के द्वारा किया जाता है ।
AC - प्रत्यावर्ती धारा का उत्पादन आल्टरनेटर के द्वारा किया जाता है ।
DC - दिष्टधारा का उत्पादन जनित्र (जेनरेटर), डायनमो) से किया जाता है ।
(4) Voltage -
AC - AC का उत्पादन 33,000 volts तक किया जा सकता है ।
AC - AC का उत्पादन 33,000 volts तक किया जा सकता है ।
DC - DC का उत्पादन केवल 650 वोल्ट तक ही किया जा सकता है ।
(5) परिवर्तक -
● AC को DC में परिवर्तित करने वाली युक्ति डायोड (Rectifier) है ।
● AC को DC में परिवर्तित करने वाली युक्ति डायोड (Rectifier) है ।
● DC को AC में परिवर्तित करने वालो युक्ति इन्वर्टर (Inverter) है ।
ये AC Vs DC के कुछ मुख्य अंतर है जो आपने यहां पढे हैं ।
प्रत्यावर्ती धारा या प्रत्यावर्ती विभव का परिमाण (मैग्निट्यूड) समय के साथ बदलता रहता है और वह शून्य पर पहुँचकर विपरीत चिन्ह का (धनात्मक से ऋणात्मक या इसके उल्टा) भी हो जाता है। विभव या धारा के परिमाण में समय के साथ यह परिवर्तन कई तरह से सम्भव है। उदाहरण के लिये यह साइन-आकार (साइनस्वायडल) हो सकता है, त्रिभुजाकार हो सकता है, वर्गाकार हो सकता है आदि। इनमें साइन-आकार का विभव या धारा का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। आजकल दुनिया के लगभग सभी देशों में बिजली का उत्पादन एवं वितरण प्रायः प्रत्यावर्ती धारा के रूप में ही किया जाता है, न कि दिष्ट-धारा (डीसी) के रूप में।
←दिष्ट धारा या Direct current के गुण→
←दिष्ट धारा या Direct current के उपयोग→
- Dc का Flow एक दिशा में होता है
- यह रासायनिक प्रभाव दर्शाती है
- यह चुम्बकीय प्रभाव दर्शाती है
- दिष्ट धारा उष्मीय प्रभाव दर्शाती है
- यह plus से minus की ओर बहती है
- Dc को Ac से पहले बनाई गई
- दिष्ट धारा के साथ transformer use नहीं किया जाता है||
- हाथ घड़ियों में जो cell डलता है उसमे दिष्ट धारा ही होती है
- T.v Remote,दीबाल घडियो में डालने वाले cell Dc होते है
- mobile batteryमें भी 3.7 volt और laptop battery में 14-15 volt की दिष्ट धारा ही होती है
- Mobile charger की पिन में से भी दिष्ट धारा ही निकलती है जो मोबाइल charge karte hai.
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