रविवार, 16 फ़रवरी 2020

---चुंबक क्या है? – What is Magnet---

                ------- चुंबक क्या है? – What is Magnet ---------                                                                                                                                                                                                                                       ↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓↓                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                      दोस्तों, आप एक लकड़ी का टुकड़ा लें और उसे दूसरे लकड़ी के टुकडे के पास रखें, आप देखेंगे की कुछ नहीं होगा। अब आप एक लोहे का टुकड़ा लें और उसे दूसरे लोहे के टुकडे के नजदीक ले जाइए, यहाँ पर भी कुछ नहीं होगा। लेकिन, अब एक लोहे का टुकड़ा हटा कर एक चुंबक (Magnet) को लीजिए और उसे लोहे के टुकड़े के नजदीक ले जाइए, यहाँ पर आप देखेंगे की लोहे का टुकड़ा चुंबक से चिपक जाता है। ये कैसे होता है? हम में से ज्यादातर लोग यह बात जानते ही होंगे, लेकिन में यहाँ पर बात कर रहा हूँ इसकी वजह की। एक चुंबक में इतनी ताकत आती कहाँ से है और वह काम कैसे करता है?

दोस्तों, ज्यादातर चुंबकीय पदार्थ (Magnetic substance) जादुई तरीके से लंबी दूरी से एक दूसरे को आकर्षित करने के लिए सक्षम होते हैं, क्योंकि वे चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) उत्पन करते हैं। यह चुंबकीय क्षेत्र वस्तु से थोड़ी दूरी पर बाहर की ओर होता है, लेकिन यहाँ पर सवाल यह हैं की यह चुंबकीय क्षेत्र चुंबक के अंदर आता कहाँ से है? खैर, हम काफी लम्बे समय से जानते हैं की बिजली और चुंबकत्व (Electricity & Magnetism) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. जैसे की उर्जा और मास (Energy & Mass) या अंतरिक्ष और समय (Space & Time) और इनको एक दूसरे के रूप में तब्दील किया जा सकता है। उदहारण के लिए सोचिए, जब एक तार में से इलेक्ट्रॉन्स का प्रवाह (Electrons Flow) बहता हैं तब Compass की सुई क्यों हिलती है? या कैसे पृथ्वी की बाहरी कोर में से बहती धाराएं भू-चुंबकीय क्षेत्र (Earth magnetic field) उत्पन्न करती हैं? लेकिन यहाँ एक Magnet या Compass की सुई खुद एक metal के टुकड़े हैं, जिनमे किसी तरह की electric की धारा नहीं बहती या फिर बहती हैं? क्योंकि सूक्ष्म स्तर पर, किसी भी ठोस चीज़ में, एक atom के अन्दर बहुत सारे electrons चारो ओर घूमते रहते हैं।
छोटे कण जैसे की electrons और quarks के अन्दर mass और electrical charge जैसे मौलिक गुण होते हैं। ऐसे electric charge वाले particles को हम small magnets भी कह सकते हैं, लेकिन ऐसे particles में पहले से ही ऐसा charge मौजूद क्यों होता है? क्यों energy और गति वाली चीजे एकदूसरे से गुरुत्वीय रूप (Gravitational) से attract होती हैं? इसका जवाब तो कोई नहीं जानता . हम सिर्फ इतना जानते हैं की यह सब चीज़े सच हैं और universe ऐसे ही काम करता है . एक atom, Positively charged protons का एक bunch और उनके आसपास घूमते Negative electrons का एक bunch होता हैं, इनमे से कई electrons स्थानांतरित होते रहते हैं, जैसे की एक तार में electric flow है और उसकी वजह से वे चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं, परमाणु में भी कुछ ऐसा ही होता हैं जिन्हें कक्षीय चुंबकीय क्षेत्र (Orbital Magnetic field) कहा जाता है.
लेकिन ज्यादातर इनका एक परमाणु के चुंबकीय क्षेत्र में योगदान नहीं होता. उसकी वजह यहाँ है : परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का सही और जटिल वर्णन क्वांटम यांत्रिकी द्वारा किया गया हैं, लेकिन कहानी का सार यह है कि यह इलेक्ट्रॉन्स न्यूक्लियस की चारों ओर के एक आवरण में एकत्रित हुए होते हैं. इन आवरण में रहे सभी इलेक्ट्रॉन्स समान रूप से हर दिशा में भरे होते हैं, और इसलिए उत्पन धाराओं को वे रद्द करते हैं, किसी भी तरह का चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न किए बिना. हालांकि, एक आधे भरे आवरण में, सभी इलेक्ट्रॉन्स जोड़ियों में से अलग हो जाते हैं और उनके छोटे चुंबक एक ही दिशा में जुड़ने के लिए इंगित करते हैं, मतलब यह इलेक्ट्रॉनों का आंतरिक चुंबकत्व है जो बाहरी आवरण में होता हैं. यह चीज़े परमाणु के चुंबकीय क्षेत्र के लिए बहुमत देती हैं.
तो, जिस तत्व के परमाणुओं में पूर्ण रूप से या फिर ज्यादातर बाहरी इलेक्ट्रान आवरण होता हैं, वैसे तत्व ज्यादा चुंबकीय नहीं होते हैं. जिन तत्वों के परमाणुओं में सिर्फ आधा बाहरी इलेक्ट्रान आवरण होता हैं, ऐसे तत्व चुंबकीय होते हैं. उदाहरण के लिए, निकल, कोबाल्ट, लोहा, मैंगनीज, आदि… यह सब ऐसे पदार्थ हैं जो किसी चुंबक को पास ले जाने पर आकर्षित होते हैं. इन्हें लौह-चुंबकीय धातु (ferromagnetic metal) कहा जाता हैं|

चुंबक किस तरह बनाएं जाते हैं?
जैसे की हमने आगे देख लिया, किसी भी तरह के तत्व में कई छोटे चुंबकीय क्षेत्रों रहे होते हैं. इनको डोमेन (domains) भी कहा जाता हैं. अधिकांश समय में यह डोमेन एक दूसरे से अलग दिशाओं में और स्वतंत्र रहते हैं. लेकिन हम ऐसे लौह-चुंबकीय धातुओं के डोमेनों को एक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र की मदद से व्यवस्थित कर सकते हैं. जिसकी वजह से वे बड़ा और मजबूत चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए सीधी रेखा में आ जाते हैं. ज्यादातर चुंबक इसी तरह बनते हैं. मैग्नेट के बीच मुख्य अंतर यह होता है कि वे स्थायी होते हैं या फिर अस्थायी होते हैं. अस्थायी चुंबक समय के साथ डोमेन के उनके मूल पदों पर वापस लौटने पर उनके बड़े चुंबकीय क्षेत्र को खो देते हैं. चुम्बकों का उत्पादन करने का सबसे आम तरीका हैं उन्हें गर्म करना और क्यूरी तापमान तक या उससे परे ले जाना. क्यूरी तापमान एक ऐसा तापमान हैं जिस तक पहुँचने पर किसी भी लौह-चुंबकीय धातु के चुंबकीय गुणों में बढौतरी होती हैं. लेकिन पदार्थ को क्यूरी तापमान तक गर्म करने पर वह थोड़ी देर के लिए यह चुंबकीय रहता हैं. लेकिन उसे क्यूरी तापमान के परे गर्म करने पर वह अपना चुंबकत्व हमेशां के लिए स्थायी बना देता हैं. लेकिन सभी चुंबक मानव निर्मित नहीं होते. कुछ चुंबक प्रकृति में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं जैसे की Lodestone.

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